भाग -- 4
कोमल और उसकी छोटी बहन बापू की शक्ल देखती रह जाती है बापू छोटे भाई को प्यार दुलार करता रहा और दोनो की दोनो बस देखती रहती है बापू बोले बेटा तुझे क्या लेना है ,पापा मुझे दस रुपया दो मुझे चीज खानी है , अच्छा तभी बापू ने अपनी जेब से बीस रुपया निकल कर उसे दे दिए बोले जा मेरे लाल ऐश कर छोटी ने बोला बापू मुझे भी दे दो न मुझे भी चीज खानी है पहले तो उन्होंने इसे घुन्ना के देखा भी उस को सुनने लगे दूर हट जब देखो तक मुँह उठा कर चली आती है एक तो मेरी छाती पर मुँह डालने आ गयी न जाने कहाँ से तीनों की तीनों करंजलिया !
एक पल का सुकून नही लेने देती मेरी ही इर्दगिर्द ही मंडराती रहती है कहते हुए उसे धक्का मरते है जा यहाँ से अपना मुँह काला कर नज़र भी नही आना तीनो कोमल छोटी को ले कर कमरे में आ जाती है तुझे पता है ना बापू कैसे फिर क्यों उनके सामने जाती है उससे नही मांगा कर कुछ भी हम में से किसी को पसन्द नही करते हैं , पर दिदु में क्या बोली उसे दे सकते है फिर हमें क्यों नही बोलती हुई रोने लगती है !
कोमल उसे गले लगाती है अभी तू बहुत छोटी है इन सब को समझने ले लिए थोड़ी और बड़ी हो जाएगी न तो जब समझ जाएगी कि बापू की नज़र में लड़की होना कितना बड़ा जुर्म है
अगर हम सब काश लड़का होती तो हम सब को भी बापू के प्यार कहते हुए उसके भी आँसू छलक आते हैं !
छोटी अभी मासूम सी 5 साल की बच्ची ही तो है उसे भी प्यार और तिरस्कार की भाषा समझ में आती है बापू को किस से लगाव है किस से नही क्या बेटी होना एक अभिशाप है बाप के सर का बोझ होती है क्या उन्हें समाज मे जीने का कोई हक नही बेटा और बेटी में इतना भेदभाव क्यों करता है समाज ऐसे ही न जाने कितने सवाल कोमल के मन मे तूफान मचा रहे थे पर एक ज़ोरदार आवाज़ के साथ वो अपने अंतर्मन के आभाव से बाहर आती है और देखती है ये किस की आवाज़ थी इतनी भयानक सी ,
दरवाजे पर एक भारी भरकम शरीर तन पर सफेद रंग का लिबास पहने हुए अपनी मुछो को ताव देता हुआ अरे रामलाल कहाँ है रे बोलता हुआ एक अजनबी व्यक्ति अंदर घर मे दाख़िल हुआ बापू भी उसको देखते ही चारपाई से उठ खड़े हुए बोले अरे ओओ यार भीतर आ जाओ कहते हुए उसके गले लग जाते है !
दोनो जाने चारपाई पर बैठ जाते है बापू माँ को आवाज़ लगते है अरे भागवान देखो तो कौन आ गया मेरा यार आ गया , माँ उनके लिए लस्सी का बड़ा सा गिलास ले आती है , जी राम राम भाई साहब कैसे है आप , मैं तो अच्छा हूँ भाभी जी ,
इतना बड़ा गिलास क्या इसी से पेट भर देंगी भाभी , नही नही भाई साहब ये तो बस पानी ही तो है भला पानी से भी कही पेट भरता है थोड़ी देर रुककर माँ अंदर रसोई में चली जाती है !
अरे यार अभी तक गाँव मे ये गिलास चलते है मेरी तो बचपन की याद ताजा हो गई याद है बे की भूल गया बापू के कंधे पर हाथ रखते हुए बोला , नही यार कैसे भूल सकता हूँ वो सब बातें आज भी मुझे सब याद है , हा यार मैं भी गाँव से दूर रहा हूँ पर कभी भी दिल से तुझ से या गाँव से दूर नही रह पाया !
आज ऐसा लग रहा है जैसे कल की ही बात हो जब हम दोनों ऐसे ही लस्सी के गिलास ले कर रेस लगते थे कौन कितने गिलास पी पाता है !
हा हा याद है मुझे , तू ही जीतता था अक्सर उसमे , चल आज फिर से रेस लगते है , नही नही यार अब नही ये सब नही झेला जाता है अब शरीर तो अब दिखावे के ही रह गया है अब तो इस तन पर हजारों बिमारियों ने बसेरा कर रखा है !
अरे यार अब आज तो छोड़ दे ये बीमारी की बाते मेरे साथ है तू थोड़ी देर ही सही सब कुछ भूल जा जीते है ना अपनी पुरानी ज़िन्दगी , इतने सालों बाद मिला है और बता घर पर सब कैसे है भाभी कैसी है बच्चे कितने है क्या कर रहे है !
अरे एक साथ इतने सवालों की बरसात रुक जा बताता हूँ सब बताता हूँ वो इधर उधर देखने लगता है गिलास को रखने के लिए अरे इस को यही रख दे ,अरे कोमल ये गिलास ले जा आ कर , कोमल आ जाती है पहले बापू के दोस्त के पैर छूती है नमस्ते चाचा जी , जीती रह बेटी जीती रहे अरे रामु तेरी बेटी तो बड़ी ही प्यारी है कौन सी क्लास में पढ़ती है बिटिया जी आठवीं में अच्छा है खूब पढ़ो , कोमल बर्तन ले कर अंदर माँ के पास जाने लगती है बापू बोलते है अपनी माँ को बोल खाना गरम कर दे , नही नही बेटा अभी नही थोड़ा रुक कर खाते है !
जी चाचा जी कुछ देर बाद खाना लगा देते हैं हा बेटा , यार अब बता क्या क्या हुआ तेरे साथ अरे यार बस पूछ मत , तुझे तो पता ही है बापू को एक बड़ी सी कंपनी में नौकरी मिल गयी थी उनको कंपनी वालो ने एक मकान भी दे दिया था जबही बापू हम सब को वहाँ ले गए थे वहीं एक सरकारी स्कूल में दाखिला कर दिया था ज़िन्दगी एक दम हँसी खुशी बीत रही थी में भी बारवीं में आ गया था फिर एक दिन .............
Kahani sharma
Zakirhusain Abbas Chougule
13-Mar-2022 08:22 PM
Very nice
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Seema Priyadarshini sahay
13-Mar-2022 05:43 PM
बहुत खूब
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Dr. Arpita Agrawal
13-Mar-2022 05:07 PM
बेहतरीन 👌👌👌
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